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‘कोविड आपातकालीन ऋण सुविधा’ के दायरे में सिर्फ एमएसएमई ही नहीं, बल्कि सभी कंपनियां आती हैं: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री ने कहा, ‘सरकार नए निवेश पर 15% कॉरपोरेट टैक्स दर का लाभ उठाने की समय सीमा बढ़ाने पर विचार करेगी’

वित्त मंत्री ने कहा, ‘किसी भी सेक्‍टर के लिए जीएसटी दर में कमी करने का निर्णय परिषद को ही लेना है’

केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि कोविड आपातकालीन ऋण सुविधा सिर्फ एमएसएमई को ही नहीं, बल्कि सभी कंपनियों को कवर करती है। फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्यों को संबोधित करते हुए श्रीमती सीतारमण ने भारतीय व्‍यवसाय को आवश्‍यक संबल देने और अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के उद्देश्‍य से उद्योग जगत को हरसंभव सरकारी सहायता का आश्वासन दिया। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा, ‘यदि आपके किसी भी सदस्य को कोई समस्या हैतो हम उसे संबल देने/आवश्‍यक उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

तरलता या नकदी प्रवाह के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘मने तरलता के मुद्दे को अच्‍छी तरह से सुलझा दिया है। निश्चित रूप से नकदी प्रवाह उपलब्ध है। यदि अब भी यह एक मुद्दा है, तो हम इस पर गौर करेंगे।’ श्रीमती सीतारमण ने यह भी कहा कि प्रत्येक सरकारी विभाग से बकाया राशि अदा करने के लिए कहा गया है और यदि किसी विभाग के साथ कोई समस्या हैतो सरकार इस पर गौर करेगी।

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार नए निवेश पर 15% कॉरपोरेट टैक्स दर का लाभ उठाने की समय सीमा बढ़ाने पर विचार करेगी। श्रीमती सीतारमण ने कहा, ‘मैं इस बात पर गौर करूंगी कि क्या किया जा सकता है। हम चाहते हैं कि उद्योग जगत नए निवेश पर 15% कॉरपोरेट टैक्‍स दर से लाभान्वित हो और मैं 31 मार्च2023 की समयसीमा के विस्तार पर विचार करने की आपकी बात को नोट करती हूं

वित्त मंत्री ने उद्योग जगत को कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय या सेबी की समय सीमाओं से संबंधित अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने का सुझाव दिया, ताकि आवश्यक कदम उठाए जा सकें।

अर्थव्‍यवस्‍था के बुरी तरह प्रभावित सेक्‍टरों में जीएसटी दरों में कमी करने की आवश्यकता के संबंध में उन्‍होंने कहा, ‘जीएसटी दर में कमी का मुद्दा परिषद के पास जाएगा। लेकिन परिषद को राजस्व की भी तलाश या चिंता है। किसी भी सेक्‍टर के लिए जीएसटी दर में कमी करने का निर्णय परिषद को ही लेना है।

वित्त एवं राजस्व सचिव श्री अजय भूषण पांडेय ने फिक्की के सदस्यों को सूचित किया कि कंपनियों को आयकर रिफंड की भी शुरुआत हो गई है और पिछले कुछ हफ्तों में 35,000 करोड़ रुपये के आईटी रिफंड जारी किए गए हैं।

इस बैठक में आर्थिक कार्य सचिव श्री तरुण बजाजकॉरपोरेट कार्य सचिव श्री राजेश वर्मा और वित्तीय सेवा विभाग में सचिव श्री देबाशीष पांडा भी उपस्थित थे।

फिक्की की अध्यक्ष डॉ. संगीता रेड्डी ने वित्त मंत्री को बताया कि कोविड-19 के प्रभावों से निपटने के लिए घोषित किए गए उपायों के कार्यान्वयन में सहयोग देने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों के साथ उनका चैम्बर निरंतर संपर्क में है। डॉ. रेड्डी ने कहा, ‘फिक्की आत्‍मनिर्भर भारत के साझा लक्ष्य के साथ-साथ कार्यान्वयन में तेजी लाने में सरकार के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

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