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क्यूसीआई ने गुणवत्ता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का उत्सव मनाने के लिए एक बड़ा अभियान-'गुणवत्ता से आत्मनिर्भर भारत' शुरू किया





05 OCT 2022

भारतीय गुणवत्ता परिषद कल नई दिल्ली के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में भारत की विकास यात्रा जिसे गुणवत्ता बढ़ाने के साथ तेज गति मिली हैसाझा करने वाले एक विशेष कार्यक्रम के साथ अपनी रजत जयंती मनाने के लिए तैयार है। नीति निर्माणशासन और गुणवत्ता से जुड़े दिग्गज एक मंच पर एक साथ आएंगे और भारत और उत्कृष्टता के मेल काजो गुणवत्ता और निरंतरता के साथ और मजबूत हो गया है, उत्सव मनाएंगे और उसकी सराहना करेंगे।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योगउपभोक्ता कार्यखाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। श्री सुरेश प्रभुपूर्व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रीभारत सरकारश्री अमिताभ कांतजी20 में भारत के शेरपाश्री अनुराग जैनसचिवउद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग और श्री बी.वी.आरसुब्रह्मण्यमसीएमडीभारतीय व्यापार संवर्धन संगठन और पूर्व वाणिज्य सचिव और अन्य गणमान्य व्यक्ति समारोह में भाग लेंगे।

इस कार्यक्रम में 'मेक इन इंडिया' को सामर्थ्य देने वाले गुणवत्ता पारिस्थितिकी तंत्र; गतिपैमानेडिजिटलीकरण के माध्यम से 2047 तक भारत के विकास लक्ष्य को हासिल करने और 'हील इन इंडियाहील बाए इंडियापहल पर पैनल चर्चा होगी। क्यूसीआई के द्वारा अपने भागीदारों के साथ स्थापित कई पुरस्कारों के माध्यम से भारत के गुणवत्ता पारिस्थितिकी तंत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को भी सम्मान दिया जाएगा।

भारतीय गुणवत्ता परिषद की स्थापना 1997 में भारत सरकार और भारतीय उद्योग से प्रतिनिधि के रूप में तीन प्रमुख उद्योग संघों यानी एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम), भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआईऔर फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्कीके द्वारा संयुक्त रूप से की गई थी। श्री रतन टाटा इसके पहले अध्यक्ष थे।

पिछले 25 वर्षों मेंक्यूसीआई ने मान्यता और गुणवत्ता संवर्धन के कार्यों को संभालने के लिए विभिन्न बोर्ड जैसेएनएबीएलएनएबीएचएनएबीसीबीएनएबीईटी और एनबीक्यूपी बनाए हैं। सरकार द्वारा इसे दिए गए जनादेश के अनुसारक्यूसीआई ने वैश्विक परिदृश्य में प्रवेश करना शुरू कर दिया और मंचों और संगठनों के साथ सदस्यता स्थापित कीजिन्होंने यह तय किया कि व्यापार और कारोबार को वैश्विक वातावरण में कैसे संचालित किया जाना है। क्यूसीआई और एनएबीएल क्रमशः आईएएफ और आईएलएसी के सदस्य और बाद में एपीएसी और एपीएलएसी जैसे क्षेत्रीय निकायों के सदस्य बन गए। इससे भारत में गुणवत्ता आश्वासन से संबंधित आर्थिक गतिविधियों के परिणामों की दुनिया भर से समानता सुनिश्चित हुई।

सरकार द्वारा घोषित योजनाओं में तीसरे पक्ष के मूल्यांकन में वास्तविक वृद्धि वर्ष 2015 के बाद हुईजब सरकार ने क्यूसीआई जैसे संगठनों पर तेजी से भरोसा करना शुरू कर दिया ताकि क्यूसीआई के दायरे में मान्यता प्राप्त संगठनों के माध्यम से बिना किसी डर या पक्ष के स्वतंत्र प्रतिक्रिया का एक स्तर प्रदान किया जा सके।  कई सरकारी विभागों ने एनएबीएल और एनएबीसीबी मान्यता प्राप्त संगठनों द्वारा किए जाने वाले परीक्षणनिरीक्षण और प्रमाणन के लिए अब नियम बनाए हैं। यह देश की नीति में एक बड़ा बदलाव है जहां तीसरे पक्ष की एजेंसियों को आंकड़े एकत्र करने और विश्लेषण करने और आम लोगों के कल्याण और नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता के लिए विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन में आई दरारों को भरने की जिम्मेदारी दी गई है।

अपनी स्थापना के बाद सेक्यूसीआई ने भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले 25 वर्षों में क्यूसीआई की यात्रा के बारे में पूरे उत्साह के साथ बात करते हुएक्यूसीआई के अध्यक्ष श्री आदिल जैनुलभाई कहते हैं, "क्यूसीआई को अपने विभिन्न मान्यता बोर्डों के माध्यम से इस उपलब्धि को पाने में अपनी भूमिका निभाने का गर्व है और इसके द्वारा भारत के नागरिकों को मिलने वाली सेवाओं के मूल्यांकन और माप से वो गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने में सक्षम होते हैं।  क्यूसीआई को उम्मीद है कि वह 2047 तक भारत को एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए अग्रणी रहकर उसके विकास में और भी बड़ी भूमिका निभाएगा।

क्यूसीआई के महासचिव डॉ आर पी सिंह ने टिप्पणी की, "हम उस चरित्र पर गर्व करते हैं जिसे हमने यहां क्यूसीआई में बढ़ावा दिया है निडरतादूरदर्शितानेतृत्व और बेहतर कल के लिए बदलाव लाना। हमने अपने काम में तेजी के साथउच्च और बेहतर विश्वसनीयता के लिए प्रौद्योगिकी को शामिल किया है। हम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता के बीच के अंतर को दूर करना चाहते हैं और भारत को गुणवत्ता में अग्रणी बनाना चाहते हैं।"

भारत जिस गुणवत्ता और उत्कृष्टता पर पूरा जोर दे रहा है उसकी यात्रा का जश्न मनाने के लिएक्यूसीआई ने एक बड़ा अभियान-गुणवत्ता से आत्मनिर्भरताभारत का गुणवत्ता आंदोलन शुरू किया है। अभियान का उद्देश्य भारत के गुणवत्ता केंद्रों का जश्न मनानाभारत की ऐतिहासिक उपलब्धियों के बारे में जागरूकता फैलाना और लोगों को उन कई पहलों के बारे में जानकारी देना है जिन्हें भारत अपने सभी नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के उद्देश्य से अपना रहा है।

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