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डीएवाई-एनआरएलएम ने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों के विपणन के लिए मोबाइल ऐप लॉन्च किया


स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों के लिए विपणन को मजबूत करने का एक और कदम उठाते हुए दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) ने ईएसएआरएएस मोबाइल ऐप लॉन्च किया जो एसएचजी द्वारा बनाए गए उत्पादों के लिए ईकॉमर्स की पहल में योगदान देगा। ऐप को नई दिल्ली में भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव श्री शैलेश कुमार सिंह द्वारा लॉन्च किया गया। इस अवसर पर श्री सिंह ने नई दिल्ली में मंत्रालय के जनकपुरी स्थित कार्यालय में ई सरस पूर्ति केंद्र का भी उद्घाटन किया।

ई सरस पूर्ति केंद्र का प्रबंधन फाउंडेशन फॉर डेवलपमेंट ऑफ रूरल वैल्यू चेन्स (एफडीआरवीसीग्रामीण विकास मंत्रालय और टाटा ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रूप से गठित एक गैर-लाभकारी कंपनी) द्वारा किया जाएगा और इसका उपयोग ग्राहकों द्वारा ई सरस पोर्टल और ई सरस मोबाइल ऐप के माध्यम से खरीदे जाने वाले उत्पादों के प्रसंस्करण, पैकेजिंग और शिपिंग के लिए किया जाएगा। यह ग्राहक के दरवाजे तक ऑनलाइन ऑर्डर लाने के लिए आवश्यक लॉजिस्टिक्स को संभालेगा।

ई सरस ई-कॉमर्स मोबाइल ऐप का उपयोग स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों की बिक्री के लिए एक ज्यादा प्रभावी मंच के रूप में किया जाएगा। यह सर्वोत्तम, प्रामाणिक हस्तशिल्प और हथकरघा के मार्केटिंग की दिशा में ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) के डीएवाई-एनआरएलएम द्वारा संकल्पित एक शुरूआत है।

ऐप लॉन्च करते हुए सचिव श्री शैलेश कुमार सिंह ने इसे एक ऐसी शुरूआत बताया जो एसएचजी दीदियों द्वारा तैयार उत्पादों की आसान मार्केटिंग के साथ वोकल फॉर लोकल की भावना को भी बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय का लक्ष्य है कि प्रत्येक एसएचजी परिवार के पास आजीविका के कम से कम 2-3 स्रोत हों। गरीबों की आजीविका के कई स्रोतों में से एक गैर-कृषि उद्यम है। गैर-कृषि आजीविका में प्रमुख व्यवधान एसएचजी उत्पादों के लिए बाजार से संपर्क का प्रावधान है। ई सरस मोबाइल ऐप के माध्यम से एसएचजी दीदियों द्वारा बनाए गए हस्तनिर्मित उत्पाद अब और भी अधिक ग्राहकों के लिए आसान तरीके से हर किसी की उंगलियों पर उपलब्ध हैं।

कार्यक्रम में सचिव का स्वागत करते हुए ग्रामीण आजीविका के अपर सचिव श्री चरणजीत सिंह ने उन्हें डीएवाई-एनआरएलएम की विपणन पहलों के बारे में जानकारी दी। श्री सिंह ने कहा कि डीएवाई-एनआरएलएम की रणनीति ई सरस ऐप और पोर्टल जैसी ऑनलाइन मार्केटिंग पहलों और सरस मेलों और सरस फूड फेस्टिवल जैसे लोकप्रिय ऑन-ग्राउंड कार्यक्रमों और ऑनलाइन और ऑन-ग्राउंड प्लेटफार्मों पर गतिविधियों के क्रॉस-प्रमोशन के साथ चौतरफा विकास का दृष्टिकोण है।

ग्रामीण आजीविका के निदेशक श्री राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि डीएवाई-एनआरएलएम द्वारा दिए गए समर्थन को देश भर में जमीनी स्तर पर एसएचजी द्वारा बहुत अच्छी तरह से सराहा गया है और वे इन पहलों में अपनी भागीदारी से उत्साहित हैं।

प्रतिनिधियों को धन्यवाद देते हुए एफडीआरवीसी के सह-प्रमुख श्री बिपिन बिहारी ने कहा कि एफडीआरवीसी आगे भी ऐप के साथ प्रदान किए गए इस ईकॉमर्स का फायदा उठाने के लिए भागीदारों के साथ काम करेगा। इस कार्यक्रम में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ अन्य भागीदार संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

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