आनंद गुप्ता संवाददाता
मुंगेली/जिले में अचानक बेमौसम बारिश के चलते उपार्जन केंद्रों में रखे लाखों क्विंटल धान के खराब होने का भय और सूखत की समस्या सता रही है वही दूसरी ओर डीओ का कटना धीमा हो गया है विपणन अधिकारी से पूछे जाने पर डीओ का कटना रायपुर से बताया जाता है कहते है।
आपको बतादें की उपार्जन केंद्रों में धान का उठाव कछुवे गति से होने के चलते सूखत की समस्या और बेमौसम बारिश की समस्या आ खड़ी। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी महीनों से बंद हो चुका है लेकिन धान उपार्जन केंद्र से उठाव नहीं होने से खरीदी केंद्र के प्रभारियों के चेहरे पर चिंता की लकीर साफ साफ दिखाई दे रहा है जिसका मुख्य कारण धान में सूखत की समस्या निर्मित हो रही। इसका खामियाजा केन्द्र प्रभारी को उठाना पड़ेगा। तो जिले में जीरों साल्टेज कैसे आएगा।
जीरो साल्टेज कैसे लाए सारा ठीकरा उपार्जन केंद्र के प्रभारियों पर लाद दिया जाएगा। खरीदी के आरम्भ में खरीदे गए धान का परिवहन शुरू में जोर पकड़ा। लेकिन अब उठाव की गति धीमा पड़ चुका है जिसका मुख्य कारण डीओ का कटना धीमा पड़ गया है कई उपार्जन केंद्रों में डीओ तो कटा है पर उठाव कछुवे की गति से हो रही है इसे राइस मिलर्स की गलती कहना लाजमी है फिलहाल धान खरीद केंद्रों में परिवहन नहीं होने की समस्या सामने आ रही है।धान खरीदी उपार्जन केंद्र से धान का उठाव नहीं होने से केंद्रों में बढ़ती जा रही परेशानी है।
अनुबंध के आदेश में लिखा है 72 घंटे में धान का उठाव किया जाएगा लेकिन महीनों से धान का उठाव कछुवे गति से हो रहा है। इसके जिम्मेदार कौन है।