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केंद्र सरकार का देश भर में 249 स्थानों पर 111.125 लाख मीट्रिक टन हब एंड स्पोक पूर्ति मॉडल साइलो की क्षमता स्थापित करने का प्रस्ताव

केंद्र सरकार देश में खाद्यान्न भंडारण के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण की दिशा में आगे बढ़ रही है

हब एंड स्पोक पूर्ति मॉडल के तहत डीबीएफओटी टेंडर की तकनीकी निविदाओं हेतु उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में 14 स्थानों वाले 4 बंडलों के लिए 38 बोलियां लगी हैं

कुल 15 संभावित पार्टियों ने इसमें अपनी रुचि दिखाई है और निविदाएं जमा की हैं

हब एंड स्पोक पूर्ति मॉडल एक विशेष परिवहन प्रणाली होती है, जो मार्गों के नेटवर्क को सरल बनाती है और लंबी दूरी की यात्रा के लिए “हब” नामक केंद्रीय स्थान पर “स्पोक” के रूप में संदर्भित दूरदराज के स्थानों से माल ढुलाई संपत्तियों को संगठित करती है

हब एंड स्पोक पूर्ति मॉडल के तहत डिजाइन, निर्माण, निधि, स्वामित्व और संचालन (डीबीएफओटी) टेंडर की तकनीकी निविदाओं के लिए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। भारत में खाद्यान्न भंडारण में बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण को ध्यान में रखते हुए, देश भर में अनाज भंडारण के लिए साइलो के विकास के उद्देश्य से एक नए मॉडल यानी सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में हब एंड स्पोक मॉडल को प्रस्तावित किया गया है।

उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में 14 स्थानों वाले 4 बंडलों के लिए 38 बोलियां प्राप्त हुई हैं। कुल 15 संभावित पार्टियों ने इसमें अपनी रुचि दिखाई है और निविदाएं जमा की हैं। तकनीकी मूल्यांकन कार्य के 3-4 सप्ताह में पूरा होने की संभावना है।

हब एंड स्पोक पूर्ति मॉडल एक विशेष परिवहन प्रणाली है, जो मार्गों के नेटवर्क को सरल बनाती है और लंबी दूरी की यात्रा के लिए “हब” नामक केंद्रीय स्थान पर “स्पोक” के रूप में संदर्भित दूरदराज के स्थानों से माल ढुलाई संपत्तियों को संगठित करती है। हब में एक समर्पित रेलवे साइडिंग और कंटेनर डिपो सुविधा उपलब्ध होती है, जबकि स्पोक से हब तक की ढुलाई सड़क के माध्यम से तथा हब से हब तक का परिवहन रेल नेटवर्क के जरिये किया जाता है। यह मॉडल रेलवे की साइडिंग कुशलता का उपयोग करके, थोक भंडारण और आवाजाही की सुविधा से लागत दक्षता को बढ़ावा देता है। यह देश में आर्थिक उन्नति, बुनियादी ढांचे के विकास और रोजगार सृजन के अलावा संचालन तथा परिवहन की लागत एवं ढुलाई में लगने वाले समय को कम करता है। साथ ही यह मॉडल परिचालन जटिलताओं को भी सरल बनाता है। इसके अतिरिक्त, साइलो को उप मंडी यार्ड घोषित किया गया है, जो किसानों के लिए खरीद में आसानी पैदा करता है और रसद की लागत में कमी लाता है।

हब एंड स्पोक मॉडल के तहत, विभाग ने डिजाइन, निर्माण, निधि, स्वामित्व एवं हस्तांतरण (डीबीएफओटी) (एफसीआई की भूमि) मोड के तहत कार्यान्वयन एजेंसी यानी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के माध्यम से देश भर में 249 स्थानों पर 111.125 लाख मीट्रिक टन हब एंड स्पोक मॉडल साइलो की क्षमता विकसित करने का प्रस्ताव दिया है।

दिनांक 26/04/2022 को डीबीएफओटी मोड पर 14 स्थानों (10.125) पर और 21/06/2022 को डीबीएफओओ मोड पर 66 स्थानों (24.75 एमएलटी) के लिए साइलो के निर्माण हेतु निविदाएं मंगाई गईं।

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