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Maharashtra: शिवसेना को लेकर शरद पवार ने किए चौंकाने वाले खुलासे, पार्टी को खत्म करने की BJP की थी प्लानिंग

<p style="text-align: justify;"><strong>Maharashtra:</strong> शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के तीन दलों वाले महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के सूत्रधार माने जाने वाले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दावा किया है कि बीजेपी कभी अपनी सहयोगी शिवसेना को खत्म करने की फिराक में थी. पवार ने दावा किया कि इसका कारण यह था कि बीजेपी का मानना था कि वह शिवसेना को खत्म किए बिना राज्य में निर्विवाद वर्चस्व हासिल नहीं कर सकती.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>एनसीपी सुप्रीमो ने क्या-क्या कहा है?</strong><br />HT में छपी एक खबर के अनुसार, एनसीपी सुप्रीमो का कहना है कि इससे दोनों सहयोगियों के बीच बेचैनी पैदा हो गई, जो तब और गहरी हो गई जब बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में करीब 50 सीटों पर गुपचुप तरीके से बागी उम्मीदवारों को समर्थन देकर शिवसेना की स्थिति को कमजोर करने की कोशिश की. इससे पहले, वे कहते हैं, 2017 का बीएमसी चुनाव, जिसे बीजेपी ने अपने तीन दशक पुराने गठबंधन में पहली बार शिवसेना के खिलाफ स्वतंत्र रूप से लड़ा, शिवसेना को खत्म करने का एक तरीका था.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>आत्मकथा लोक भूलभुलैया संगति में दावे</strong><br />ये दावे 2 मई को प्रकाशित होने वाली पवार की आत्मकथा 'लोक भूलभुलैया संगति' के दूसरे संस्करण में किए गए हैं. आत्मकथा ऐसे समय में सामने आने की उम्मीद है, जहां व्यापक अटकलें हैं कि उनके भतीजे, एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार अगर सुप्रीम कोर्ट ने <a title="एकनाथ शिंदे" href="https://ift.tt/QfApJGW" data-type="interlinkingkeywords">एकनाथ शिंदे</a>-देवेंद्र फडणवीस सरकार पर प्रतिकूल फैसला सुनाया तो विधायकों के एक समूह के साथ बीजेपी से हाथ मिला लेंगे.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>पवार ने आत्मकथा में क्या लिखा?</strong><br />पवार ने आत्मकथा में लिखा है, शहरी क्षेत्रों में मजबूत उपस्थिति रखने वाली शिवसेना को खत्म किए बिना, वह राज्य में निर्विवाद वर्चस्व स्थापित नहीं कर पाएगी. मुंबई से (2017 में) शिवसेना को खत्म करने के लिए बीजेपी चुनावी मैदान में उतरी. तस्वीर ठाणे, कल्याण-डोंबिवली, मीरा-भायंदर, वसई-विरार और नवी मुंबई नगर निगमों में समान थी.&rdquo; जिसका एक अंश सकल अखबार में प्रकाशित हुआ था, जो पवार परिवार द्वारा संचालित एक प्रकाशन था.</p> <p style="text-align: justify;">एनसीपी सुप्रीमो आगे लिखते हैं कि शिवसेना के स्वाभिमान को खत्म करने की साजिश थी. एक समय था जब शिवसेना ने महाराष्ट्र में 171 विधानसभा सीटों पर और बीजेपी ने 117 सीटों पर चुनाव लड़ा था, वह कहते हैं कि 2019 में, बीजेपी ने 164 सीटें लीं, 124 सीटें शिवसेना के लिए छोड़ दीं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें: <a title="Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर मची होड़, पुणे में फिर से लगे इस एनसीपी नेता के पोस्टर" href="https://ift.tt/as79FOg" target="_blank" rel="noopener">Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर मची होड़, पुणे में फिर से लगे इस एनसीपी नेता के पोस्टर</a></strong></p>

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